Friday, March 6, 2015

दिल्ली का बटुक भैरव मंदिर



दिल्ली का बटुक भैरव मंदिर:

१) ये मंदीर नेहरु पार्क में स्थित है

२) इस मंदिर को पांडवों ने स्थापित किया था

३)भीम अपने कंधे पर , काशी से भैरव नाथ को ले कर आये थे , अपने दुर्ग(किले) की रक्षा के लिए . परन्तु मार्ग में ही प्यास लगने की वजा से उन्होने भैरव जी को वहां एक कुँए के पास उतार दिया था

४) तभ भैरव नाथ, वहीँ उस कुँए के ऊपर शिला / पिंडी रूप में स्थापित हो गए और वहां से आगे जाने से मन कर दिया. वही स्थान आज नेहरु पार्क में , बटुक भैरव के मंदिर के नाम से स्थापित है.

कुँए के ऊपर स्थापित होने के कारन यहाँ मंदिर बहोत जागृत है.

५) भीम के प्रार्थना करने पर, भैरव नाथ ने उनको अपनी जटाएं दे दी, और कहा की इन जटाओं को अपने किले के पास स्थापित कर देना, संकट के समय ये जटाएं किलकारी करेंगी , तब मे वहाण आकार तुम्हारी रक्षा करूँगा.

६) पांडवों ने जहाँ उन जटाओं को स्थापित किया था वहां पर आज किलकारी भैरव मंदिर है (पुराने किले के पास) , दिल्ली में

७) इन दोनों मंदिरों में भैरव नाथ को शराब को भोग लगता है

८) राहू से पीड़ित लोग, यहाँ बाबा को शराब, बीडी, माचिस, गुलाब के फूल, गुर का भोग और दीप दान करे के उनसे प्रार्थना करें तो , रहू के प्रभाव से रक्षा संभव है.

बटुक भैरव जी के १०८ नामों का स्तोत्र यहाँ ज़रूर पदेन.

मंगल, शनि और रवि वार यहाँ दर्शन पूजन का विशेष महत्व है. खास तोर से कृष्णा पक्ष की अष्टमीऔर चतुर्दशी को